एक घंटा पहले
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रामगढ़ विधायक देवी साक्षी में
रामगढ़ की विधायक ममता देवी को हिरासत में लिया गया है। हजारीबाग जिला जज कुमारी पवन की अदालत ने रामगढ़ की विधायक ममता देवी को दोषी करार दिया है। जिस वक्त यह घटना हुई उस वक्त वक्ता विधायक ममता देवी जिला परिषद की सदस्य थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने दलाली को उकसाया। साल 2019 में ममता देवी को कांग्रेस ने टिकट दिया और वो चुनाव जीत गईं।
12 दिसंबर को होगी सजा का ऐलान
इस मामले में सजा का ऐलान 12 दिसंबर को होगा। इससे पहले भी हजारीबाग के एमपी/एमएलए कोर्ट ने एक मामले में एक महीने में ममता देवी को 3 की सजा सुनाई थी। ठीक उन्हें जमानत भी मिल गई थी। अब दोषी करार दिए जाने के बाद विधायक ममता देवी को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है।
किसे – किसे दिया गया बरी होना
इस मामले में अदालत ने विधायक ममता देवी के साथ राजीव जायसवाल, मनोज भट्ट, अभिषेक सोनी, बालेश्वर भगत, कुवंर महतो, जादू महतो, आदिल इनामी, दिलदार हुसैन, बासुदेव प्रसाद, सुभाष महतो, कुलेश्वर महतो को दोषी करार दिया है। राज्य सरकार की तरफ से इस मामले की वकील शंकर बनर्जी पैरवी कर रहे थे। गोला थाने में दर्ज कांड संख्या 65/2016 में विधायक ममता देवी का आरोप है।
क्या है पूरा मामला
गोला में 29 अगस्त 2016 को आईपीएल कंपनी को बंद को लेकर विरोध हुआ था। ममता दीया के नेतृत्व में नागरिक सचेत मंच के बैनर तले 150-200 की संख्या में ग्रामीण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। अचानक ग्रामीण उग्र हो गए, पुलिस ने पहले लाठी चार्ज की लेकिन बाद में स्थिति को देखते हुए पुलिस को चलाया। पुलिस ने बताया कि आत्मरक्षा में फोटोग्राफी की गई थी। इस घटना में कुछ लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। गोली कांड को लेकर रजरप्पा और गोला थाना कांड में चार अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
क्या असामान्य कल्पनाएँ
इस मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद दूसरा सबसे बड़ा सवाल यह है कि उन्हें सजा क्या मिलेगी? ममता देवी को अगर 2 साल से ज्यादा की सजा मिलती है तो उनकी विधायकी हो सकती है।
संवैधानिक प्रावधान के अनुसार यदि किसी जनप्रतिनिधि को 3 साल या उससे अधिक की सजा होती है तो उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। हाल ही में मांडर विधायक बंधु तिर्की ने ऐसे ही अपना सदस्यता ग्रहण किया है। अभी, 12 दिसंबर का इंतजार है जब मामले में दोषियों को सजा सुनाई जाएगी।