टॉपर मोहदेसा।
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भारतीय जम्पर सेवा का बिहार में क्रेज है। बहुत सारे होनहारों का लक्ष्य आज भी यही रहता है। लेकिन, इंटर की कला शतक से टॉपर मोहद्देसा की वजह कुछ अलग है। इंटर परीक्षा के परिणाम के बाद मोह ने जब पूछा कि वह क्या बनना चाहता है तो जवाब मिला कि आईएएस बन गया। क्यों? वजह ज़मीनी थी। मोहद्देसा ने कहा- “मैं पिछड़े क्षेत्र में रहता हूं। ऐसे क्षेत्र में जहां मैट्रिक तक पढ़कर भी लड़कियों के लिए बहुत कुछ है। कुछ ही इंटर तक जाती हैं। ऐसी लड़कियों के बीच मैं आईएएस चाहता हूं ताकि वे भी निकल जाएं कि अगर इसलिए इस मुफलिसी में कुछ भी हासिल किया जा सकता है।”
मां-पापा का काफी सपोर्ट मिला
मोहद्दोसा ने कहा कि जब पता चला कि मैं स्टेट टॉपर बनी तो मुझे बहुत खुशी मिली। मुझे और परिवार वालों को अच्छा करने की उम्मीद थी लेकिन यह नहीं सोचा कि किसी ने मैं टॉपर बन पाऊंगा। सेल्फ स्टडी से मुझे काफी फायदा मिला। मैं IAS बनना चाहता हूं। मैं अपनी सफतला का श्रेय अपने परिवार वालों को देता हूं। मां-पापा का काफी सपोर्ट मिला।
लड़कियों की संभावनाओं में कमी नहीं पढ़ रही हैं
IAS ही क्यों बनना चाहते हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए मैं बैकवर्ड एरिया से कैसे दिखता हूं, जहां लड़कियां पढ़ाती हैं लेकिन वह मैट्रिक और इंटर पास करके ही रह जाती हैं। उन्हें लगता है कि आईएएस ऑफिसर बनना एक बहुत बड़ी बात है और हम वहां तक पहुंच नहीं पाएंगे। कई लड़कियां पैसों की कमी में नहीं पढ़ती हैं और कई पैसे रहते भी पढ़ नहीं पाते हैं। इसलिए मैं आईएएस बनकर अपनी क्षेत्र की लड़कियों से कहता हूं कि हम लोग भी आईएएस बन सकते हैं। हौसला बुलंद होना चाहिए।
कहा- शिक्षा के बारे में जीवन नहीं है
अपने क्षेत्र की ब्रो को क्या संदेश देना चाहेगी? इस सवाल का जवाब देते हुए मोहद्देसा ने कहा कि पढ़ाई के लिए जीव नहीं है। हर एक फील्ड में अगर कोई पढ़ता है तो उनका काम करने और बोलने का अंदाज ही कुछ अलग होता है। उन्होंने कहा कि हर किसी के लिए तालीम बहुत ही जरूरी चीज है। मैंने कोचिंग के साथ-साथ पढ़ाई का भी सहारा लिया। मोबाइल का उपयोग मैंने अपने पढ़ने के लिए बहुत ही कम किया। लड़कियां सही में मेहनत करती हैं उनके लिए किसी भी क्षेत्र में कोई भी काम करने की पूरी संभावना है जो ऐसे ही डिग्री ले जाती हैं उनके लिए हर क्षेत्र में समस्या आती है।