39 मिनट पहले

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पूर्व विधायक ने छोड़ी इच्छा मृत्यु

झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की इच्छा है कि वे मृत्यु से स्वतंत्र हैं। कोर्ट ने एक दस्तावेज में लिखा है कि अगर उनका इलाज बेहतर इलाज के लिए नहीं किया जा सकता है तो उन्हें मौत की सजा दी जा सकती है।

जेल में कुर्सी से गिर गए थे पूर्व विधायक
इच्छा मृत्यु के लिए संजीव सिंह की तरफ से उनके वकील मोहम्मद जावेद ने दादा एवं जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में वकालत की है। झारिया के पूर्व सहयोगी संजीव सिंह अप्रैल 2017 से डाबे की जेल में बंद है। 11 जुलाई 2023 को उनकी जीभ खराब हो गई थी। तबीयत खराब होने के बाद दादाजी मंडल कारा से एसएनएम फैजाबाद में भर्ती हुई थी। अस्पताल में भर्ती वक्त में बताया गया था कि वह जेल में कुर्सी से गिर गई थी जिसके बाद वह घायल हो गई थी। अपने बुरे को आधार तोड़ दिए गए संजीव सिंह ने जमानत की याचिका दायर की थी। इसके बाद उच्च न्यायालय ने भी उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर राहत से वंचित कर दिया था। जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने स्पोइट्स को सुनवाई के बाद संजीव सिंह की याचिका खारिज कर दी थी।

रिम्स पूर्व विधायक नहीं जाना चाहता

संजीव सिंह की स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। बोर्ड ने संजीव को किसी भी प्रकार की गंभीर चोट या बीमारी से मना कर दिया था। बोर्ड ने बताया कि प्रार्थी संजीव सिंह को मेडिकल फिट हैं। कोर्ट ने उनके इलाज के लिए मेथमिक मेडिकल बोर्ड की जांच के बाद उन्हें रिम्स डिस्पेंसर की सलाह दी थी। संजीव ने रैम्स रैम्स में भर्ती होने से मना कर दिया था। उनकी पत्नी और परिवार के लोग चाहते थे कि मृतक के किसी बड़े निजी अस्पताल में उनका इलाज कराया जाए। इसका पूरा खर्च भी उठाने के लिए परिवार तैयार है। विनाशकारी आपदा की आशंका थी कि स्थायी सरकार के दबाव में उनके पति का ठीक से इलाज नहीं हो रहा है।

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