<पी शैली ="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"> एक नया शोध यह बताता है कि हर बात, के.के., बर्गर जैसे खाद्य पदार्थों के खाने से निष्क्रियता में देरी होती है, जिसकी वजह से मोटापा या वजन तेजी से बढ़ सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि जंक फूड भूख को कंट्रोल करने की क्षमता को कम करने का काम करते हैं और मस्तिष्क के कार्यों में बाधा उत्पन्न करते हैं। चहचहाहट में किए गए किए गए अध्ययनों में पाया गया है कि एस्ट्रो साइट्स नाम की कोशिकाएं आंत में एक रासायनिक मार्ग को नियंत्रित करती है। हालांकि लगातार भ्रम और फैसलों का चलन करने से इसमें रुकावट पैदा होती है।

इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के लीड राइटर डॉ कर्स्टन ब्राउनिंग ने कहा कि हमने पाया कि हाई फैट और कैलोरी वाला खाना एस्ट्रस पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है। वक्त के साथ एस्ट्रोसाइट्स अधिक वसा वाले भोजन के प्रति उदासीन होते हैं। उच्च वसा और कैलोरी वाला खाना खाने के लगभग 10-14 दिनों के बाद एस्ट्रो साइट्स की प्रतिक्रिया में गड़बड़ी होती है। इतना ही नहीं, कैलोरी सेवन को नियंत्रित करने की मस्तिष्क की क्षमता भी प्रभावित होती है।

ज्यादा वजन और घबराहट से होती हैं कई परेशानियां

ब्रिटेन में लगभग 3 में से 2 वयस्क और एक-तिहाई बच्चे अधिक वजन वाले और शौक रखते हैं। अधिक वजन और मोटापा दिल की बीमारी और टाइप 2 लिम्फ का खतरा बढ़ सकता है। जब जंक फूड खाया जाता है तो एस्ट्रोसाइट्स शुरू में प्रतिक्रिया करते हैं- ग्लियोट्रांसमीटर नाम का एक रासायनिक वैज्ञानिक हैं। जब एस्ट्रोसाइट अवरुद्घ होता है तो कैस्केड भी देखा जाता है। रासायनिक में कमी से विलंब होता है, क्योंकि पेट सही से भरता नहीं है और खाली रहता है।

जर्नल ऑफ फिजिक्स साइंस में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, डॉ ब्राउनिंग ने कहा कि हमें अभी यह आसानी से करना है कि क्या एस्ट्रोसाइट एक्टिविटी और अक्षय मैकेनिज्म का ही नुकसान ज्यादा खाना खाने (ओवरइंटिंग) की वजह से या ओवरइंटिंग के जवाब में ऐसा होता है? हमें यह भी पता चलता है कि अधिक कैलोरी को कंट्रोल करने के लिए मस्तिष्क की खोई हुई क्षमता को फिर से सक्रिय करना संभव है या नहीं। अगर ऐसा है तो ये उम्र में बैक्टीरिया को फिर से बहाल करने में मदद कर सकता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में बताई गई विधि, तरीके और अर्थ को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सलाह पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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