बाल मानसिक स्वास्थ्य: स्वस्थ शरीर के लिए मानसिक स्वास्थ्य बहुत जरूरी माना जाता है। लेकिन कोरोना महामारी के बाद लोगों की मित्रता के साथ-साथ मानसिक असंतुलन का खतरा तेजी से बढ़ गया है। अगर एक खास उम्र को लेकर बात की जाए तो कोरोना महामारी के बाद खासकर बच्चों में मेंटल डिजीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके उपयोग में बच्चों की गुणवत्ता जीवन का कम होना और कम पोषण युक्त आहार का निर्धारण किया जा सकता है।

क्या कहती है रिपोर्ट

कनाडा के हेल्थ लॉजर्स ने कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित शोध में कहा है कि कोरोना महामारी के बाद बच्चों में कम पोषण वाले भोजन की अधिकता होने से उनके शरीर में मानसिक स्वास्थ्य का खतरा तेजी से बढ़ गया है।

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इस स्वास्थ्य सर्वेक्षण में बच्चों के डॉक्टरों ने करीब 32 हजार बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का संपूर्ण अध्ययन किया। इस अध्ययन में पाया गया कि जिन घर के बच्चों को कम पोषण वाली सामग्री मिली वो बाकी बच्चों की तुलना में मेंटल डीजे का बड़ा शिकार हुआ। कनाडा में वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर केली एंडरसन ने इस शोध में भाग लिया। उनका कहना है कि दुनिया भर में एक बड़ी महामारी ने अपना आतंक फैलाया। इस दौरान और इसके बाद जिन बच्चों का खान पान सही नहीं रहा और भोजन कम पोषण युक्त भोजन मिला वो मानसिक स्तर पर तेजी से बढ़ गया। वो बच्चा जो जंक फूड का अधिक सेवन करता है, या वो बच्चा जो नशीले पदार्थों के सेवन के प्रति आकर्षित होता है, ये दोनों ही किसी भी व्यक्ति के बेहतर जीवन को प्रभावित करते हैं।

कैसे हो सकता है बचाव

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने के लिए उनके आहार पर ध्यान देना जरूरी है। इनके घटकों में हरी फैक्ट्री, औषधीय उत्पाद, साबुत अनाज और नट्स आदि अवश्य होने चाहिए। इसके अलावा बच्चों को हर संभव तरीके से ज्यादा से ज्यादा जंक फूड के सेवन से भी उनके मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा रखा जा सकता है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताई गई विधि, तरकीबें और सलाह पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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